46وَإِمّا نُرِيَنَّكَ بَعضَ الَّذي نَعِدُهُم أَو نَتَوَفَّيَنَّكَ فَإِلَينا مَرجِعُهُم ثُمَّ اللَّهُ شَهيدٌ عَلىٰ ما يَفعَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस चीज़ का हम उनसे वादा करते है उसमें से कुछ चाहे तुझे दिखा दें या हम तुझे (इससे पहले) उठा लें, उन्हें तो हमारी ओर लौटकर आना ही है। फिर जो कुछ वे कर रहे है उसपर अल्लाह गवाह है