44إِنَّ اللَّهَ لا يَظلِمُ النّاسَ شَيئًا وَلٰكِنَّ النّاسَ أَنفُسَهُم يَظلِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह तो लोगों पर तनिक भी अत्याचार नहीं करता, किन्तु लोग स्वयं ही अपने ऊपर अत्याचार करते है