102فَهَل يَنتَظِرونَ إِلّا مِثلَ أَيّامِ الَّذينَ خَلَوا مِن قَبلِهِم ۚ قُل فَانتَظِروا إِنّي مَعَكُم مِنَ المُنتَظِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः वे तो उस तरह के दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिस तरह के दिन वे लोग देख चुके है जो उनसे पहले गुज़रे है। कह दो, "अच्छा, प्रतीक्षा करो, मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करता हूँ।"