103ثُمَّ نُنَجّي رُسُلَنا وَالَّذينَ آمَنوا ۚ كَذٰلِكَ حَقًّا عَلَينا نُنجِ المُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर हम अपने रसूलों और उन लोगों को बचा लेते रहे हैं, जो ईमान ले आए। ऐसी ही हमारी रीति है, हमपर यह हक़ है कि ईमानवालों को बचा लें