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Sura 9
Aya 8
8
كَيفَ وَإِن يَظهَروا عَلَيكُم لا يَرقُبوا فيكُم إِلًّا وَلا ذِمَّةً ۚ يُرضونَكُم بِأَفواهِهِم وَتَأبىٰ قُلوبُهُم وَأَكثَرُهُم فاسِقونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कैसे बाक़ी रह सकती है? जबकि उनका हाल यह है कि यदि वे तुम्हें दबा पाएँ तो वे न तुम्हारे विषय में किसी नाते-रिश्ते का ख़याल रखें औऱ न किसी अभिवचन का। वे अपने मुँह ही से तुम्हें राज़ी करते है, किन्तु उनके दिल इनकार करते रहते है और उनमें अधिकतर अवज्ञाकारी है