You are here: Home » Chapter 9 » Verse 67 » Translation
Sura 9
Aya 67
67
المُنافِقونَ وَالمُنافِقاتُ بَعضُهُم مِن بَعضٍ ۚ يَأمُرونَ بِالمُنكَرِ وَيَنهَونَ عَنِ المَعروفِ وَيَقبِضونَ أَيدِيَهُم ۚ نَسُوا اللَّهَ فَنَسِيَهُم ۗ إِنَّ المُنافِقينَ هُمُ الفاسِقونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

मुनाफिक़ मर्द और मुनाफिक़ औरतें एक दूसरे के बाहम जिन्स हैं कि (लोगों को) बुरे काम का तो हुक्म करते हैं और नेक कामों से रोकते हैं और अपने हाथ (राहे ख़ुदा में ख़र्च करने से) बन्द रखते हैं (सच तो यह है कि) ये लोग ख़ुदा को भूल बैठे तो ख़ुदा ने भी (गोया) उन्हें भुला दिया बेशक मुनाफ़िक़ बदचलन है