You are here: Home » Chapter 9 » Verse 10 » Translation
Sura 9
Aya 10
10
لا يَرقُبونَ في مُؤمِنٍ إِلًّا وَلا ذِمَّةً ۚ وَأُولٰئِكَ هُمُ المُعتَدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ये लोग किसी मोमिन के बारे में न तो रिश्ता नाता ही कर लिहाज़ करते हैं और न क़ौल का क़रार का और (वाक़ई) यही लोग ज्यादती करते हैं