You are here: Home » Chapter 9 » Verse 10 » Translation
Sura 9
Aya 10
10
لا يَرقُبونَ في مُؤمِنٍ إِلًّا وَلا ذِمَّةً ۚ وَأُولٰئِكَ هُمُ المُعتَدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

किसी मोमिन के बारे में न तो नाते-रिश्ते का ख़याल रखते है और न किसी अभिवचन का। वही लोग है जिन्होंने सीमा का उल्लंघन किया