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Sura 75
Aya 2
2
وَلا أُقسِمُ بِالنَّفسِ اللَّوّامَةِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(और बुराई से) मलामत करने वाले जी की क़सम खाता हूँ (कि तुम सब दोबारा) ज़रूर ज़िन्दा किए जाओगे