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Sura 7
Aya 57
57
وَهُوَ الَّذي يُرسِلُ الرِّياحَ بُشرًا بَينَ يَدَي رَحمَتِهِ ۖ حَتّىٰ إِذا أَقَلَّت سَحابًا ثِقالًا سُقناهُ لِبَلَدٍ مَيِّتٍ فَأَنزَلنا بِهِ الماءَ فَأَخرَجنا بِهِ مِن كُلِّ الثَّمَراتِ ۚ كَذٰلِكَ نُخرِجُ المَوتىٰ لَعَلَّكُم تَذَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(क्योंकि) नेकी करने वालों से ख़ुदा की रहमत यक़ीनन क़रीब है और वही तो (वह) ख़ुदा है जो अपनी रहमत (अब्र) से पहले खुशखबरी देने वाली हवाओ को भेजता है यहाँ तक कि जब हवाएं (पानी से भरे) बोझल बादलों के ले उड़े तो हम उनको किसी शहर की की तरफ (जो पानी का नायाबी (कमी) से गोया) मर चुका था हॅका दिया फिर हमने उससे पानी बरसाया, फिर हमने उससे हर तरह के फल ज़मीन से निकाले