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Sura 7
Aya 202
202
وَإِخوانُهُم يَمُدّونَهُم فِي الغَيِّ ثُمَّ لا يُقصِرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

उन काफिरों के भाई बन्द शैतान उनको (धर पकड़) गुमराही के तरफ घसीटे जाते हैं फिर किसी तरह की कोताही (भी) नहीं करते