108وَنَزَعَ يَدَهُ فَإِذا هِيَ بَيضاءُ لِلنّاظِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अपना हाथ बाहर निकाला तो क्या देखते है कि वह हर शख़्श की नज़र मे जगमगा रहा है