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Sura 61
Aya 7
7
وَمَن أَظلَمُ مِمَّنِ افتَرىٰ عَلَى اللَّهِ الكَذِبَ وَهُوَ يُدعىٰ إِلَى الإِسلامِ ۚ وَاللَّهُ لا يَهدِي القَومَ الظّالِمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अब उस व्यक्ति से बढ़कर ज़ालिम कौन होगा, जो अल्लाह पर थोपकर झूठ घड़े जबकि इस्लाम (अल्लाह के आगे समर्पण करने) का ओर बुलाया जा रहा हो? अल्लाह ज़ालिम लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता