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Sura 6
Aya 50
50
قُل لا أَقولُ لَكُم عِندي خَزائِنُ اللَّهِ وَلا أَعلَمُ الغَيبَ وَلا أَقولُ لَكُم إِنّي مَلَكٌ ۖ إِن أَتَّبِعُ إِلّا ما يوحىٰ إِلَيَّ ۚ قُل هَل يَستَوِي الأَعمىٰ وَالبَصيرُ ۚ أَفَلا تَتَفَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) उनसे कह दो कि मै तो ये नहीं कहता कि मेरे पास ख़ुदा के ख़ज़ाने हैं (कि ईमान लाने पर दे दूंगा) और न मै गैब के (कुल हालात) जानता हूँ और न मै तुमसे ये कहता हूँ कि मै फरिश्ता हूँ मै तो बस जो (ख़ुदा की तरफ से) मेरे पास वही की जाती है उसी का पाबन्द हूँ (उनसे पूछो तो) कि अन्धा और ऑंख वाला बराबर हो सकता है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं सोचते