You are here: Home » Chapter 6 » Verse 122 » Translation
Sura 6
Aya 122
122
أَوَمَن كانَ مَيتًا فَأَحيَيناهُ وَجَعَلنا لَهُ نورًا يَمشي بِهِ فِي النّاسِ كَمَن مَثَلُهُ فِي الظُّلُماتِ لَيسَ بِخارِجٍ مِنها ۚ كَذٰلِكَ زُيِّنَ لِلكافِرينَ ما كانوا يَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या वह व्यक्ति जो पहले मुर्दा था, फिर उसे हमने जीवित किया और उसके लिए एक प्रकाश उपलब्ध किया जिसको लिए हुए वह लोगों के बीच चलता-फिरता है, उस व्यक्ति को तरह हो सकता है जो अँधेरों में पड़ा हुआ हो, उससे कदापि निकलनेवाला न हो? ऐसे ही इनकार करनेवालों के कर्म उनके लिए सुहाबने बनाए गए है