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Sura 58
Aya 7
7
أَلَم تَرَ أَنَّ اللَّهَ يَعلَمُ ما فِي السَّماواتِ وَما فِي الأَرضِ ۖ ما يَكونُ مِن نَجوىٰ ثَلاثَةٍ إِلّا هُوَ رابِعُهُم وَلا خَمسَةٍ إِلّا هُوَ سادِسُهُم وَلا أَدنىٰ مِن ذٰلِكَ وَلا أَكثَرَ إِلّا هُوَ مَعَهُم أَينَ ما كانوا ۖ ثُمَّ يُنَبِّئُهُم بِما عَمِلوا يَومَ القِيامَةِ ۚ إِنَّ اللَّهَ بِكُلِّ شَيءٍ عَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या तुमने इसको नहीं देखा कि अल्लाह जानता है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। कभी ऐसा नहीं होता कि तीन आदमियों की गुप्त वार्ता हो और उनके बीच चौथा वह (अल्लाह) न हो। और न पाँच आदमियों की होती है जिसमें छठा वह न होता हो। और न इससे कम की कोई होती है और न इससे अधिक की भी, किन्तु वह उनके साथ होता है, जहाँ कहीं भी वे हो; फिर जो कुछ भी उन्होंने किया होगा क़ियामत के दिन उससे वह उन्हें अवगत करा देगा। निश्चय ही अल्लाह को हर चीज़ का ज्ञान है