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Sura 57
Aya 25
25
لَقَد أَرسَلنا رُسُلَنا بِالبَيِّناتِ وَأَنزَلنا مَعَهُمُ الكِتابَ وَالميزانَ لِيَقومَ النّاسُ بِالقِسطِ ۖ وَأَنزَلنَا الحَديدَ فيهِ بَأسٌ شَديدٌ وَمَنافِعُ لِلنّاسِ وَلِيَعلَمَ اللَّهُ مَن يَنصُرُهُ وَرُسُلَهُ بِالغَيبِ ۚ إِنَّ اللَّهَ قَوِيٌّ عَزيزٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

हमने यक़ीनन अपने पैग़म्बरों को वाज़े व रौशन मोजिज़े देकर भेजा और उनके साथ किताब और (इन्साफ़ की) तराज़ू नाज़िल किया ताकि लोग इन्साफ़ पर क़ायम रहे और हम ही ने लोहे को नाज़िल किया जिसके ज़रिए से सख्त लड़ाई और लोगों के बहुत से नफे (की बातें) हैं और ताकि ख़ुदा देख ले कि बेदेखे भाले ख़ुदा और उसके रसूलों की कौन मदद करता है बेशक ख़ुदा बहुत ज़बरदस्त ग़ालिब है