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Sura 57
Aya 15
15
فَاليَومَ لا يُؤخَذُ مِنكُم فِديَةٌ وَلا مِنَ الَّذينَ كَفَروا ۚ مَأواكُمُ النّارُ ۖ هِيَ مَولاكُم ۖ وَبِئسَ المَصيرُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तो आज न तो तुमसे कोई मुआवज़ा लिया जाएगा और न काफ़िरों से तुम सबका ठिकाना (बस) जहन्नुम है वही तुम्हारे वास्ते सज़ावार है और (क्या) बुरी जगह है