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Sura 56
Aya 47
47
وَكانوا يَقولونَ أَئِذا مِتنا وَكُنّا تُرابًا وَعِظامًا أَإِنّا لَمَبعوثونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कहते थे, "क्या जब हम मर जाएँगे और मिट्टी और हड्डियाँ होकर रहे जाएँगे, तो क्या हम वास्तव में उठाए जाएँगे?