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Sura 5
Aya 57
57
يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لا تَتَّخِذُوا الَّذينَ اتَّخَذوا دينَكُم هُزُوًا وَلَعِبًا مِنَ الَّذينَ أوتُوا الكِتابَ مِن قَبلِكُم وَالكُفّارَ أَولِياءَ ۚ وَاتَّقُوا اللَّهَ إِن كُنتُم مُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ऐ ईमानदारों जिन लोगों (यहूद व नसारा) को तुम से पहले किताबे (ख़ुदा तौरेत, इन्जील) दी जा चुकी है उनमें से जिन लोगों ने तुम्हारे दीन को हॅसी खेल बना रखा है उनको और कुफ्फ़ार को अपना सरपरस्त न बनाओ और अगर तुम सच्चे ईमानदार हो तो ख़ुदा ही से डरते रहो