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Sura 5
Aya 52
52
فَتَرَى الَّذينَ في قُلوبِهِم مَرَضٌ يُسارِعونَ فيهِم يَقولونَ نَخشىٰ أَن تُصيبَنا دائِرَةٌ ۚ فَعَسَى اللَّهُ أَن يَأتِيَ بِالفَتحِ أَو أَمرٍ مِن عِندِهِ فَيُصبِحوا عَلىٰ ما أَسَرّوا في أَنفُسِهِم نادِمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तो तुम देखते हो कि जिन लोगों के दिलों में रोग है, वे उनके यहाँ जाकर उनके बीच दौड़-धूप कर रहे है। वे कहते है, "हमें भय है कि कहीं हम किसी संकट में न ग्रस्त हो जाएँ।" तो सम्भव है कि जल्द ही अल्लाह (तुम्हे) विजय प्रदान करे या उसकी ओर से कोई और बात प्रकट हो। फिर तो ये लोग जो कुछ अपने जी में छिपाए हुए है, उसपर लज्जित होंगे