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Sura 48
Aya 11
11
سَيَقولُ لَكَ المُخَلَّفونَ مِنَ الأَعرابِ شَغَلَتنا أَموالُنا وَأَهلونا فَاستَغفِر لَنا ۚ يَقولونَ بِأَلسِنَتِهِم ما لَيسَ في قُلوبِهِم ۚ قُل فَمَن يَملِكُ لَكُم مِنَ اللَّهِ شَيئًا إِن أَرادَ بِكُم ضَرًّا أَو أَرادَ بِكُم نَفعًا ۚ بَل كانَ اللَّهُ بِما تَعمَلونَ خَبيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जो गंवार देहाती (हुदैबिया से) पीछे रह गए अब वह तुमसे कहेंगे कि हमको हमारे माल और लड़के वालों ने रोक रखा तो आप हमारे वास्ते (ख़ुदा से) मग़फिरत की दुआ माँगें ये लोग अपनी ज़बान से ऐसी बातें कहते हैं जो उनके दिल में नहीं (ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर ख़ुदा तुम लोगों को नुक़सान पहुँचाना चाहे या तुम्हें फायदा पहुँचाने का इरादा करे तो ख़ुदा के मुक़ाबले में तुम्हारे लिए किसका बस चल सकता है बल्कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा उससे ख़ूब वाक़िफ है