You are here: Home » Chapter 46 » Verse 8 » Translation
Sura 46
Aya 8
8
أَم يَقولونَ افتَراهُ ۖ قُل إِنِ افتَرَيتُهُ فَلا تَملِكونَ لي مِنَ اللَّهِ شَيئًا ۖ هُوَ أَعلَمُ بِما تُفيضونَ فيهِ ۖ كَفىٰ بِهِ شَهيدًا بَيني وَبَينَكُم ۖ وَهُوَ الغَفورُ الرَّحيمُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

(क्या ईमान लाने से उन्हें कोई चीज़ रोक रही है) या वे कहते है, "उसने इसे स्वयं ही घड़ लिया है?" कहो, "यदि मैंने इसे स्वयं घड़ा है तो अल्लाह के विरुद्ध मेरे लिए तुम कुछ भी अधिकार नहीं रखते। जिसके विषय में तुम बातें बनाने में लगे हो, वह उसे भली-भाँति जानता है। और वह मेरे और तुम्हारे बीच गवाह की हैसियत से काफ़ी है। और वही बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है।"