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Sura 43
Aya 37
37
وَإِنَّهُم لَيَصُدّونَهُم عَنِ السَّبيلِ وَيَحسَبونَ أَنَّهُم مُهتَدونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और वह (शयातीन) उन लोगों को (ख़ुदा की) राह से रोकते रहते हैं बावजूद इसके वह उसी ख्याल में हैं कि वह यक़ीनी राहे रास्त पर हैं