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Sura 40
Aya 75
75
ذٰلِكُم بِما كُنتُم تَفرَحونَ فِي الأَرضِ بِغَيرِ الحَقِّ وَبِما كُنتُم تَمرَحونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(कि कुछ समझ में न आएगा) ये उसकी सज़ा है कि तुम दुनिया में नाहक (बात पर) निहाल थे और इसकी सज़ा है कि तुम इतराया करते थे