You are here: Home » Chapter 40 » Verse 5 » Translation
Sura 40
Aya 5
5
كَذَّبَت قَبلَهُم قَومُ نوحٍ وَالأَحزابُ مِن بَعدِهِم ۖ وَهَمَّت كُلُّ أُمَّةٍ بِرَسولِهِم لِيَأخُذوهُ ۖ وَجادَلوا بِالباطِلِ لِيُدحِضوا بِهِ الحَقَّ فَأَخَذتُهُم ۖ فَكَيفَ كانَ عِقابِ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उनसे पहले नूह की क़ौम ने और उनके पश्चात दूसरों गिरोहों ने भी झुठलाया और हर समुदाय के लोगों ने अपने रसूलों के बारे में इरादा किया कि उन्हें पकड़ लें और वे सत्य का सहारा लेकर झगडे, ताकि उसके द्वारा सत्य को उखाड़ दें। अन्ततः मैंने उन्हें पकड़ लिया। तौ कैसी रही मेरी सज़ा!