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Sura 40
Aya 11
11
قالوا رَبَّنا أَمَتَّنَا اثنَتَينِ وَأَحيَيتَنَا اثنَتَينِ فَاعتَرَفنا بِذُنوبِنا فَهَل إِلىٰ خُروجٍ مِن سَبيلٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

वह लोग कहेंगे कि ऐ हमारे परवरदिगार तू हमको दो बार मार चुका और दो बार ज़िन्दा कर चुका तो अब हम अपने गुनाहों का एक़रार करते हैं तो क्या (यहाँ से) निकलने की भी कोई सबील है