93وَمَن يَقتُل مُؤمِنًا مُتَعَمِّدًا فَجَزاؤُهُ جَهَنَّمُ خالِدًا فيها وَغَضِبَ اللَّهُ عَلَيهِ وَلَعَنَهُ وَأَعَدَّ لَهُ عَذابًا عَظيمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो शख्स किसी मोमिन को जानबूझ के मार डाले (ग़ुलाम की आज़ादी वगैरह उसका कुफ्फ़ारा नहीं बल्कि) उसकी सज़ा दोज़क है और वह उसमें हमेशा रहेगा उसपर ख़ुदा ने (अपना) ग़ज़ब ढाया है और उसपर लानत की है और उसके लिए बड़ा सख्त अज़ाब तैयार कर रखा है