54أَم يَحسُدونَ النّاسَ عَلىٰ ما آتاهُمُ اللَّهُ مِن فَضلِهِ ۖ فَقَد آتَينا آلَ إِبراهيمَ الكِتابَ وَالحِكمَةَ وَآتَيناهُم مُلكًا عَظيمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीया ख़ुदा ने जो अपने फ़ज़ल से (तुम) लोगों को (कुरान) अता फ़रमाया है इसके रश्क पर चले जाते हैं (तो उसका क्या इलाज है) हमने तो इबराहीम की औलाद को किताब और अक्ल की बातें अता फ़रमायी हैं और उनको बहुत बड़ी सल्तनत भी दी