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Sura 4
Aya 47
47
يا أَيُّهَا الَّذينَ أوتُوا الكِتابَ آمِنوا بِما نَزَّلنا مُصَدِّقًا لِما مَعَكُم مِن قَبلِ أَن نَطمِسَ وُجوهًا فَنَرُدَّها عَلىٰ أَدبارِها أَو نَلعَنَهُم كَما لَعَنّا أَصحابَ السَّبتِ ۚ وَكانَ أَمرُ اللَّهِ مَفعولًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

ऐ लोगों! जिन्हें किताब दी गई, उस चीज को मानो जो हमने उतारी है, जो उसकी पुष्टि में है, जो स्वयं तुम्हारे पास है, इससे पहले कि हम चेहरों की रूपरेखा को मिटाकर रख दें और उन्हें उनके पीछ की ओर फेर दें या उनपर लानत करें, जिस प्रकार हमने सब्तवालों पर लानत की थी। और अल्लाह का आदेश तो लागू होकर ही रहता है