40إِنَّ اللَّهَ لا يَظلِمُ مِثقالَ ذَرَّةٍ ۖ وَإِن تَكُ حَسَنَةً يُضاعِفها وَيُؤتِ مِن لَدُنهُ أَجرًا عَظيمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीख़ुदा तो हरगिज़ ज़र्रा बराबर भी ज़ुल्म नहीं करता बल्कि अगर ज़र्रा बराबर भी किसी की कोई नेकी हो तो उसको दूना करता है और अपनी तरफ़ से बड़ा सवाब अता फ़रमाता है