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Sura 4
Aya 20
20
وَإِن أَرَدتُمُ استِبدالَ زَوجٍ مَكانَ زَوجٍ وَآتَيتُم إِحداهُنَّ قِنطارًا فَلا تَأخُذوا مِنهُ شَيئًا ۚ أَتَأخُذونَهُ بُهتانًا وَإِثمًا مُبينًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अगर तुम एक बीवी (को तलाक़ देकर उस) की जगह दूसरी बीवी (निकाह करके) तबदील करना चाहो तो अगरचे तुम उनमें से एक को (जिसे तलाक़ देना चाहते हो) बहुत सा माल दे चुके हो तो तुम उनमें से कुछ (वापस न लो) क्या तुम्हारी यही गैरत है कि (ख्वाह मा ख्वाह) बोहतान बॉधकर या सरीही जुर्म लगाकर वापस ले लो