2وَآتُوا اليَتامىٰ أَموالَهُم ۖ وَلا تَتَبَدَّلُوا الخَبيثَ بِالطَّيِّبِ ۖ وَلا تَأكُلوا أَموالَهُم إِلىٰ أَموالِكُم ۚ إِنَّهُ كانَ حوبًا كَبيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर यतीमों को उनके माल दे दो और बुरी चीज़ (माले हराम) को भली चीज़ (माले हलाल) के बदले में न लो और उनके माल अपने मालों में मिलाकर न चख जाओ क्योंकि ये बहुत बड़ा गुनाह है