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Sura 4
Aya 113
113
وَلَولا فَضلُ اللَّهِ عَلَيكَ وَرَحمَتُهُ لَهَمَّت طائِفَةٌ مِنهُم أَن يُضِلّوكَ وَما يُضِلّونَ إِلّا أَنفُسَهُم ۖ وَما يَضُرّونَكَ مِن شَيءٍ ۚ وَأَنزَلَ اللَّهُ عَلَيكَ الكِتابَ وَالحِكمَةَ وَعَلَّمَكَ ما لَم تَكُن تَعلَمُ ۚ وَكانَ فَضلُ اللَّهِ عَلَيكَ عَظيمًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

यदि तुमपर अल्लाह का उदार अनुग्रह और उसकी दयालुता न होती तो उनमें से कुछ लोग तो यह निश्चय कर ही चुके थे कि तुम्हें राह से भटका दें, हालाँकि वे अपने आप ही को पथभ्रष्टि कर रहे है, और तुम्हें वे कोई हानि नहीं पहुँचा सकते। अल्लाह ने तुमपर किताब और हिकमत (तत्वदर्शिता) उतारी है और उसने तुम्हें वह कुछ सिखाया है जो तुम जानते न थे। अल्लाह का तुमपर बहुत बड़ा अनुग्रह है