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Sura 37
Aya 57
57
وَلَولا نِعمَةُ رَبّي لَكُنتُ مِنَ المُحضَرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अगर मेरे परवरदिगार का एहसान न होता तो मैं भी (इस वक्त) तेरी तरह जहन्नुम में गिरफ्तार किया गया होता