105قَد صَدَّقتَ الرُّؤيا ۚ إِنّا كَذٰلِكَ نَجزِي المُحسِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतूने स्वप्न को सच कर दिखाया। निस्संदेह हम उत्तमकारों को इसी प्रकार बदला देते है।"