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Sura 34
Aya 46
46
۞ قُل إِنَّما أَعِظُكُم بِواحِدَةٍ ۖ أَن تَقوموا لِلَّهِ مَثنىٰ وَفُرادىٰ ثُمَّ تَتَفَكَّروا ۚ ما بِصاحِبِكُم مِن جِنَّةٍ ۚ إِن هُوَ إِلّا نَذيرٌ لَكُم بَينَ يَدَي عَذابٍ شَديدٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तुमसे नसीहत की बस एक बात कहता हूँ (वह) ये (है) कि तुम लोग बाज़ खुदा के वास्ते एक-एक और दो-दो उठ खड़े हो और अच्छी तरह ग़ौर करो तो (देख लोगे कि) तुम्हारे रफीक़ (मोहम्मद स0) को किसी तरह का जुनून नहीं वह तो बस तुम्हें एक सख्त अज़ाब (क़यामत) के सामने (आने) से डराने वाला है