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Sura 34
Aya 31
31
وَقالَ الَّذينَ كَفَروا لَن نُؤمِنَ بِهٰذَا القُرآنِ وَلا بِالَّذي بَينَ يَدَيهِ ۗ وَلَو تَرىٰ إِذِ الظّالِمونَ مَوقوفونَ عِندَ رَبِّهِم يَرجِعُ بَعضُهُم إِلىٰ بَعضٍ القَولَ يَقولُ الَّذينَ استُضعِفوا لِلَّذينَ استَكبَروا لَولا أَنتُم لَكُنّا مُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जिन लोगों ने इनकार किया वे कहते है, "हम इस क़ुरआन को कदापि न मानेंगे और न उसको जो इसके आगे है।" और यदि तुम देख पाते जब ज़ालिम अपने रब के सामने खड़े कर दिए जाएँगे। वे आपस में एक-दूसरे पर इल्ज़ाम डाल रहे होंगे। जो लोग कमज़ोर समझे गए वे उन लोगों से जो बड़े बनते थे कहेंगे, "यदि तुम न होते तो हम अवश्य ही ईमानवाले होते।"