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Sura 33
Aya 5
5
ادعوهُم لِآبائِهِم هُوَ أَقسَطُ عِندَ اللَّهِ ۚ فَإِن لَم تَعلَموا آباءَهُم فَإِخوانُكُم فِي الدّينِ وَمَواليكُم ۚ وَلَيسَ عَلَيكُم جُناحٌ فيما أَخطَأتُم بِهِ وَلٰكِن ما تَعَمَّدَت قُلوبُكُم ۚ وَكانَ اللَّهُ غَفورًا رَحيمًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

लिये पालकों का उनके (असली) बापों के नाम से पुकारा करो यही खुदा के नज़दीक बहुत ठीक है हाँ अगर तुम लोग उनके असली बापों को न जानते हो तो तुम्हारे दीनी भाई और दोस्त हैं (उन्हें भाई या दोस्त कहकर पुकारा करो) और हाँ इसमें भूल चूक जाओ तो अलबत्ता उसका तुम पर कोई इल्ज़ाम नहीं है मगर जब तुम दिल से जानबूझ कर करो (तो ज़रूर गुनाह है) और खुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है।