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Sura 31
Aya 14
14
وَوَصَّينَا الإِنسانَ بِوالِدَيهِ حَمَلَتهُ أُمُّهُ وَهنًا عَلىٰ وَهنٍ وَفِصالُهُ في عامَينِ أَنِ اشكُر لي وَلِوالِدَيكَ إِلَيَّ المَصيرُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और हमने मनुष्य को उसके अपने माँ-बाप के मामले में ताकीद की है - उसकी माँ ने निढाल होकर उसे पेट में रखा और दो वर्ष उसके दूध छूटने में लगे - कि "मेरे प्रति कृतज्ञ हो और अपने माँ-बाप के प्रति भी। अंततः मेरी ही ओर आना है