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Sura 31
Aya 10
10
خَلَقَ السَّماواتِ بِغَيرِ عَمَدٍ تَرَونَها ۖ وَأَلقىٰ فِي الأَرضِ رَواسِيَ أَن تَميدَ بِكُم وَبَثَّ فيها مِن كُلِّ دابَّةٍ ۚ وَأَنزَلنا مِنَ السَّماءِ ماءً فَأَنبَتنا فيها مِن كُلِّ زَوجٍ كَريمٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने आकाशों को पैदा किया, (जो थमें हुए हैं) बिना ऐसे स्तम्भों के जो तुम्हें दिखाई दें। और उसने धरती में पहाड़ डाल दिए कि ऐसा न हो कि तुम्हें लेकर डाँवाडोल हो जाए और उसने उसमें हर प्रकार के जानवर फैला दिए। और हमने ही आकाश से पानी उतारा, फिर उसमें हर प्रकार की उत्तम चीज़े उगाई