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Sura 30
Aya 60
60
فَاصبِر إِنَّ وَعدَ اللَّهِ حَقٌّ ۖ وَلا يَستَخِفَّنَّكَ الَّذينَ لا يوقِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो बेशक ख़ुदा का वायदा सच्चा है और (कहीं) ऐसा न हो कि जो (तुम्हारी) तसदीक़ नहीं करते तुम्हें (बहका कर) ख़फ़ीफ़ करे दें