You are here: Home » Chapter 30 » Verse 54 » Translation
Sura 30
Aya 54
54
۞ اللَّهُ الَّذي خَلَقَكُم مِن ضَعفٍ ثُمَّ جَعَلَ مِن بَعدِ ضَعفٍ قُوَّةً ثُمَّ جَعَلَ مِن بَعدِ قُوَّةٍ ضَعفًا وَشَيبَةً ۚ يَخلُقُ ما يَشاءُ ۖ وَهُوَ العَليمُ القَديرُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

खुदा ही तो है जिसने तुम्हें (एक निहायत) कमज़ोर चीज़ (नुत्फे) से पैदा किया फिर उसी ने (तुम में) बचपने की कमज़ोरी के बाद (शबाब की) क़ूवत अता की फिर उसी ने (तुममें जवानी की) क़ूवत के बाद कमज़ोरी और बुढ़ापा पैदा कर दिया वह जो चाहता पैदा करता है-और वही बड़ा वाकिफकार और (हर चीज़ पर) क़ाबू रखता है