You are here: Home » Chapter 3 » Verse 28 » Translation
Sura 3
Aya 28
28
لا يَتَّخِذِ المُؤمِنونَ الكافِرينَ أَولِياءَ مِن دونِ المُؤمِنينَ ۖ وَمَن يَفعَل ذٰلِكَ فَلَيسَ مِنَ اللَّهِ في شَيءٍ إِلّا أَن تَتَّقوا مِنهُم تُقاةً ۗ وَيُحَذِّرُكُمُ اللَّهُ نَفسَهُ ۗ وَإِلَى اللَّهِ المَصيرُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

ईमानवालों को चाहिए कि वे ईमानवालों से हटकर इनकारवालों को अपना मित्र (राज़दार) न बनाएँ, और जो ऐसा करेगा, उसका अल्लाह से कोई सम्बन्ध नहीं, क्योंकि उससे सम्बद्ध यही बात है कि तुम उनसे बचो, जिस प्रकार वे तुमसे बचते है। और अल्लाह तुम्हें अपने आपसे डराता है, और अल्लाह ही की ओर लौटना है