178وَلا يَحسَبَنَّ الَّذينَ كَفَروا أَنَّما نُملي لَهُم خَيرٌ لِأَنفُسِهِم ۚ إِنَّما نُملي لَهُم لِيَزدادوا إِثمًا ۚ وَلَهُم عَذابٌ مُهينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यह ढ़ील जो हम उन्हें दिए जाते है, इसे अधर्मी लोग अपने लिए अच्छा न समझे। यह ढील तो हम उन्हें सिर्फ़ इसलिए दे रहे है कि वे गुनाहों में और अधिक बढ़ जाएँ, और उनके लिए तो अत्यन्त अपमानजनक यातना है