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Sura 3
Aya 162
162
أَفَمَنِ اتَّبَعَ رِضوانَ اللَّهِ كَمَن باءَ بِسَخَطٍ مِنَ اللَّهِ وَمَأواهُ جَهَنَّمُ ۚ وَبِئسَ المَصيرُ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

भला क्या जो व्यक्ति अल्लाह की इच्छा पर चले वह उस जैसा हो सकता है जो अल्लाह के प्रकोप का भागी हो चुका हो और जिसका ठिकाना जहन्नम है? और वह क्या ही बुरा ठिकाना है