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Sura 3
Aya 161
161
وَما كانَ لِنَبِيٍّ أَن يَغُلَّ ۚ وَمَن يَغلُل يَأتِ بِما غَلَّ يَومَ القِيامَةِ ۚ ثُمَّ تُوَفّىٰ كُلُّ نَفسٍ ما كَسَبَت وَهُم لا يُظلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (तुम्हारा गुमान बिल्कुल ग़लत है) किसी नबी की (हरगिज़) ये शान नहीं कि ख्यानत करे और ख्यानत करेगा तो जो चीज़ ख्यानत की है क़यामत के दिन वही चीज़ (बिलकुल वैसा ही) ख़ुदा के सामने लाना होगा फिर हर शख्स अपने किए का पूरा पूरा बदला पाएगा और उनकी किसी तरह हक़तल्फ़ी नहीं की जाएगी