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Sura 3
Aya 135
135
وَالَّذينَ إِذا فَعَلوا فاحِشَةً أَو ظَلَموا أَنفُسَهُم ذَكَرُوا اللَّهَ فَاستَغفَروا لِذُنوبِهِم وَمَن يَغفِرُ الذُّنوبَ إِلَّا اللَّهُ وَلَم يُصِرّوا عَلىٰ ما فَعَلوا وَهُم يَعلَمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और जिनका हाल यह है कि जब वे कोई खुला गुनाह कर बैठते है या अपने आप पर ज़ुल्म करते है तौ तत्काल अल्लाह उन्हें याद आ जाता है और वे अपने गुनाहों की क्षमा चाहने लगते हैं - और अल्लाह के अतिरिक्त कौन है, जो गुनाहों को क्षमा कर सके? और जानते-बूझते वे अपने किए पर अड़े नहीं रहते