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Sura 3
Aya 110
110
كُنتُم خَيرَ أُمَّةٍ أُخرِجَت لِلنّاسِ تَأمُرونَ بِالمَعروفِ وَتَنهَونَ عَنِ المُنكَرِ وَتُؤمِنونَ بِاللَّهِ ۗ وَلَو آمَنَ أَهلُ الكِتابِ لَكانَ خَيرًا لَهُم ۚ مِنهُمُ المُؤمِنونَ وَأَكثَرُهُمُ الفاسِقونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

तुम एक उत्तम समुदाय हो, जो लोगों के समक्ष लाया गया है। तुम नेकी का हुक्म देते हो और बुराई से रोकते हो और अल्लाह पर ईमान रखते हो। और यदि किताबवाले भी ईमान लाते तो उनके लिए यह अच्छा होता। उनमें ईमानवाले भी हैं, किन्तु उनमें अधिकतर लोग अवज्ञाकारी ही हैं