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Sura 29
Aya 34
34
إِنّا مُنزِلونَ عَلىٰ أَهلِ هٰذِهِ القَريَةِ رِجزًا مِنَ السَّماءِ بِما كانوا يَفسُقونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

हम यक़ीनन इसी बस्ती के रहने वालों पर चूँकि ये लोग बदकारियाँ करते रहे एक आसमानी अज़ाब नाज़िल करने वाले हैं